घुमड़ते रंगों का राग "रंग मल्हार"

घुमड़ते रंगों का राग "रंग मल्हार" !
बारिश में भीगी मिट्टी की खुशबू और रंगों की तुकबंदी! ऐसा ही कुछ समा बंधा जब इंदौर के चित्रकारों ने 16वां अंतराष्ट्रीय कला उत्सव "रंग मल्हार",
इंदौर । संस्करण मे अपनी कला बिखेरी । सादा सा मिट्टी तवा भी गजब की अठखेलियां कर रहा था जब इन प्रतिष्ठित कलाकारों ने प्रदेश, देश, विश्व में अच्छी बारिश की मनोकामना करते हुए चित्रकारी की। वरिष्ठ कलाकार ईश्वरी रावल का सुंदर रेखांकन ,रमेश खेर ने 'सावन में कागा', हरेंद्र शाह ने अमूर्त शैली में और ,शंकर शिंदे ने मालवा की पारंपरिक शुभ संकेतक शैली में सुंदर पेंटिंग बनाई। पंकज अग्रवाल ने मिट्टी खुरच कर धान का चित्रण किया , राजेश शर्मा ने रेखाओं से अमूर्त चित्र, आलोक शर्मा ने पेपर कोलाज पर मीन तो मधु शर्मा कोमल निसर्ग और डॉ. सुषमा जैन ने सूर्य की चटक रंगों से पारंपरिक पेंटिंग बनाई। कलाकार धीरेंद्र मांडगे ने बारिश में मांडू का चित्रण, मनीष रत्नपारखे इंद्रायणी नदी की रिसायकल मटेरियल से सुंदर आकृति बनाई। कलाकार राजीव वाइंगनकर पर्यावरण , वंदिता श्रीवास्तव ने धान के कटोरे पर चुगते पक्षी की अत्यंत सुंदर कलाकृति बनाई।
,गार्गी रत्नपारखे ने फैब्रिक पर फोक motifs, कैलाश चंद्र शर्मा ने ड्रिप पेंटिंग, लकी जैसवाल ने लाइन से मनोहारी समकालीन ग्रामीण परिदृश्य, तो डॉ. विम्मी मनोज की सावन के आगमन पर प्राकृतिक हवाओं संग प्रवासी फ्लेमिंगो
पक्षी का सप्रयास आगमन मेघ मल्हार की सार्थकता बनी।
इंदौर के 17 वरिष्ठ और युवा चित्रकारो ने अपनी सहभागिता से एक दिवसीय चित्रकला शिविर रंग मल्हार ,16 वे संस्करण को सफल बनाया ।
भारत के प्रतिष्ठित चित्रकार जयपुर निवासी डॉ. विद्यासागर उपाध्याय जी की परिकल्पना, 16वे अंतरराष्ट्रीय रंग मल्हार 2025, इंदौर में विम आर्ट्स गैलरी में डॉ. विम्मी मनोज ने आयोजित किया ।
यह उत्सव देश भर के चित्रकार अच्छी बरसात की मनोकामना के साथ चित्रण करते है। ये भी एक सुखद संयोग रहा कि रंग उत्सव का समापन मेघ मल्हार के आगमन से हुआ। पूरी दुनिया मे मनाये जाने वाले इस उत्सव का उद्देश्य नए सृजन को प्रोत्साहित करना है।